रतौंधी क्या है?
रतौंधी का अर्थ है – अंधेरे में देखने में कठिनाई। इस स्थिति में व्यक्ति को दिन की तुलना में रात या कम रोशनी वाले वातावरण में चीजें स्पष्ट दिखाई नहीं देतीं।
यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ सकती है और लोगों को खासकर गाड़ी चलाते समय, सीढ़ियों पर चलते समय या कम रोशनी में पढ़ते समय बहुत परेशानी होती है।
लक्षण (Symptoms of Night Blindness)
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रात में या कम रौशनी में देखने में दिक्कत
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हेडलाइट या स्ट्रीट लाइट की चकाचौंध से आंखें चौंधिया जाना
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अचानक उजाले से अंधेरे में जाने पर आंखों का एडजस्ट न होना
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धुंधला दिखाई देना
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सुरंग जैसी दृष्टि (Tunnel vision)
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आंखों में सूखापन, जलन या थकान
मुख्य कारण (Causes of Night Blindness)
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विटामिन A की कमी (Vitamin A Deficiency)
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रेटिना की कार्यप्रणाली के लिए विटामिन A अत्यंत आवश्यक है। इसकी कमी रतौंधी का प्रमुख कारण है।
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मोतियाबिंद (Cataract)
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आंख के लेंस के धुंधले होने के कारण रौशनी का प्रवेश बाधित होता है।
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रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा (Retinitis Pigmentosa)
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एक आनुवंशिक बीमारी जिसमें रेटिना में पिगमेंट का जमाव होता है जिससे धीरे-धीरे दृष्टि क्षीण हो जाती है।
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उशर सिंड्रोम (Usher Syndrome)
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एक दुर्लभ जेनेटिक बीमारी जो देखने और सुनने दोनों को प्रभावित करती है।
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डायबिटिक रेटिनोपैथी
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मधुमेह से जुड़ी आंखों की बीमारी जिससे रेटिना प्रभावित होता है।
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गलत चश्मा या नजर की कमजोरी (Myopia/Hypermetropia)
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सही नजर सुधार न होने से रौशनी में अंतर आने पर देखने में दिक्कत होती है।
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पाचन संबंधी रोग
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सिस्टिक फाइब्रोसिस जैसे रोग जिनमें शरीर वसा नहीं सोख पाता – जिससे विटामिन A का अवशोषण कम हो जाता है।
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निदान (Diagnosis)
रतौंधी का सही उपचार तभी संभव है जब उसका सही कारण पता लगाया जाए। इसके लिए नेत्र चिकित्सक निम्नलिखित जांचें कर सकते हैं:
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दृष्टि परीक्षण (Vision Test)
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रेटिना का परीक्षण (Fundus Examination)
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रक्त परीक्षण (Vitamin A levels, Blood Sugar)
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इलेक्ट्रोरेटिनोग्राम (Retina के विद्युत संकेतों की जांच)
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जेनेटिक परीक्षण (Genetic Testing – विशेषतः रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा के लिए)
उपचार (Treatment Options)
कारण | संभावित उपचार |
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विटामिन A की कमी | विटामिन A सप्लीमेंट, संतुलित आहार |
मोतियाबिंद | सर्जरी द्वारा लेंस बदलना |
नजर की कमजोरी | चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस |
डायबिटीज | ब्लड शुगर नियंत्रण |
रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा | कोई निश्चित इलाज नहीं, लेकिन दृष्टि सहायक उपकरण उपयोगी हो सकते हैं |
👉 यदि रतौंधी का कारण लेंस से जुड़ा हो (जैसे मोतियाबिंद), तो सर्जरी से अच्छा परिणाम मिल सकता है।
👉 यदि कारण पोषण से संबंधित है, तो खानपान में सुधार और सप्लीमेंट से बहुत लाभ मिलता है।
रतौंधी से बचाव के उपाय (Prevention Tips)
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विटामिन A से भरपूर आहार लें:
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गाजर, कद्दू, शकरकंद, आम, पपीता
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हरी पत्तेदार सब्जियाँ – पालक, सरसों, मेथी
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अंडे, दूध, मछली, घी आदि
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डायबिटीज कंट्रोल में रखें
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नियमित जांच, उचित दवा व भोजन
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नियमित आंखों की जांच कराएं
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विशेषतः 40 वर्ष की आयु के बाद
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धूप से आंखों की रक्षा करें
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चश्मा पहनें ताकि अधिक रौशनी से आंखें न चौंधियाएं
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किन बातों से बचें (What to Avoid)
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रात में गाड़ी चलाना यदि रतौंधी है
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बहुत तेज या कमजोर रोशनी में ज्यादा समय बिताना
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बिना डॉक्टर की सलाह के सप्लीमेंट लेना
अनुवांशिक रतौंधी के लिए क्या करें?
अगर किसी व्यक्ति को जेनेटिक कारणों से रतौंधी है (जैसे रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा), तो इलाज नहीं हो सकता, लेकिन दृष्टि सहायक यंत्र (Low Vision Aids) और रिहैबिलिटेशन से काफी मदद मिल सकती है:
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लो-विज़न ग्लासेस
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नाईट विज़न डिवाइसेज
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GPS-बेस्ड मोबाइल एप्स
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ट्रांसपोर्ट के लिए परिवार या ड्राइवर की सहायता
भविष्य की संभावनाएं (Prognosis)
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पोषण से जुड़ी रतौंधी पूरी तरह ठीक हो सकती है
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मोतियाबिंद हटाने से दृष्टि में सुधार होता है
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अनुवांशिक या रेटिना से जुड़ी बीमारियों में धीरे-धीरे दृष्टि कमजोर होती जाती है, लेकिन कुछ मामलों में विशेष इलाज से धीमी हो सकती है